Original upload date: Sat, 04 Jul 2015 00:00:00 GMT
Archive date: Sat, 04 Dec 2021 11:57:30 GMT
Major Baba Harbhajan Singh was an Indian Army soldier soldier who died near the Nathula Pass, Sikkim. He is revered by soldiers of the Indian army as the "Hero of Nathula". He has been accorded the st
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atus of saint by believers who refer to him as the Baba. Many of the faithful people, chiefly Indian army personnel posted in and around the Nathula Pass and the Sino-Indian border between the state of Sikkim and Chinese occupied Tibet have come to believe his spirit protects every soldier in the inhospitable high altitude terrain of the Eastern Himalayas. As with most saints, the Baba is said to also grant favours presumably to those who revere and worship him.
मृत्यु बाद भी क्या कोर्इ सैनिक ड्यूटी कर सकता है? ये सवाल सुनने में भले ही अजीब लगें लेकिन सिक्किम के लोगों से पूछा जाए तो वे कहेंगे हां, एेसा होता है और बीते 45 साल से हो रहा है। माना जाता है कि पंजाब रेजिमेंट के जवान हरभजन सिंह की आत्मा अब भी सीमा की रक्षा कर रही है। सैनिको का कहना है कि हरभजन की आत्मा, चीन की तरफ से होने वाले खतरे के बारे में पहले से ही उन्हें बता देती है। चीनी सैनिक भी इस पर विश्वास करते हैं आैर भारत व चीन के बीच होने वाली हर फ्लैग मीटिंग में हरभजन सिंह के नाम की एक खाली कुर्सी भी लगाई जाती है ताकि वो मीटिंग अटेंड कर सके। हरभजन सिंह का जन्म 30 अगस्त 1946 को जिला गुजरावाला में हुआ था, जो वर्तमान में पाकिस्तान में है। 1966 में आर्मी में भर्ती हुए हरभजन सिंह चौबीसवीं पंजाब रेजीमेंट के जवान थे। नौकरी के मात्र दो वर्ष बाद 1968 में सिक्किम में हुर्इ एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गर्इ। दरअसल एक दिन वो खच्चर पर बैठकर नदी पार कर रहे थे आैर उस दौरान खच्चर सहित नदी में बह गए। मरने के बाद भी कैसे जवान हरभजन कर रहा है देश की रक्षा I